तो क्या बात हो
अंधेर, मायूस, सहमी, लम्बी एक रात हो.
सूरज निकले अचानक, तो क्या बात हो|
चेहरे की किताब पर तो पहचान बहुत है,
कुछ इंसान भी जाने, तो क्या बात हो|
जब से होश संभाला, बेइंतेहा प्रेम है तुमसे,
मालूम हो जाए तुम्हें भी,तो क्या बात हो|
माना तेज़ है, आसान भी - ईमेल, पर गोया,
चिट्ठी कोई लिख जाए, तो क्या बात हो ||
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Thank You :)