दीपावली ... २
हज़ारों का बारूद,
पल में जला गए |
सड़क पे भूखी बच्ची,
क्यों नहीं दिखी?
एक ओर तो लौ
जला के रक्खी है,
फिर रोशनी उससे,
क्यों छुपा रखी?
पल में जला गए |
सड़क पे भूखी बच्ची,
क्यों नहीं दिखी?
एक ओर तो लौ
जला के रक्खी है,
फिर रोशनी उससे,
क्यों छुपा रखी?
उसके नसीब में क्या,
बस धुंआ है जश्न का,
उसके नसीब में क्या,
बस उत्सव का शोर है,
शायद ... Who cares!
बस धुंआ है जश्न का,
उसके नसीब में क्या,
बस उत्सव का शोर है,
शायद ... Who cares!
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Thank You :)